कट्टर हिंदुत्व से कट्टर तालिबान तक संबंध !

देवबंद से तालिबान तक: वैचारिक समानता या राजनीतिक दूरी? 🕌 देवबंद से तालिबान तक: वैचारिक समानता या राजनीतिक दूरी? भारत–तालिबान संबंध : वक्त की ज़रूरत हाल ही में अफ़ग़ानिस्तान के कार्यवाहक विदेश मंत्री अमीर ख़ान मुत्ताक़ी की भारत यात्रा ने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर चर्चा बटोरी। यह यात्रा भारत–अफ़ग़ानिस्तान संबंधों को नए सिरे से देखने का अवसर प्रदान करती है। वर्षों तक दोनों के बीच संवाद सीमित रहा, पर अब भू–राजनीतिक परिस्थितियों ने दोनों को बातचीत की मेज़ पर लाकर खड़ा कर दिया है। सवाल यह भी है कि — क्या तालिबान की वैचारिक जड़ें देवबंद से जुड़ी हैं, और क्या भारत को ऐसे समूह से संबंध बढ़ाने चाहिए? आइए इसे क्रमवार समझते हैं 👇 🕋 1. देवबंद और तालिबान का वैचारिक संबंध 🔸 ऐतिहासिक आधार दारुल उलूम देवबंद की स्थापना 1866 में ब्रिटिश शासन के विरुद्ध धार्मिक और शैक्षणिक आंदोलन के रूप में हुई। इसका उद्देश्य था इस्लामी शिक्षा, नैतिकता और सामाजिक सुधार को पुनर्जीवित करना। 🔸 वैचारिक समानता, प्रत्यक्ष संबंध नहीं “तालिबान” शब्द का अर्थ है विद्यार्थी — उनके कई सदस...

नेपाल का राजनैतिक इतिहास और gen z क्रांति

 

🇳🇵 नेपाल में रक्त रंजित Gen Z क्रांति

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📜 नेपाल का इतिहास और वर्तमान

🏔️ प्राचीन और मध्यकालीन इतिहास

  • नेपाल का इतिहास लिच्छवि वंश (लगभग 400 ई.) से मिलता है।
  • इसके बाद मल्ल वंश (1200–1768) का शासन रहा।
  • मल्ल शासकों ने काठमांडू, भक्तपुर और ललितपुर में मंदिर, महल और कला का स्वर्ण युग दिया।

⚔️ एकीकरण (18वीं सदी)

  • 1740s में गोरखा राज्य के राजा पृथ्वीनारायण शाह ने कई छोटे-छोटे राज्यों को मिलाकर आधुनिक नेपाल की नींव रखी।
  • 1768 में काठमांडू पर कब्ज़ा कर नेपाल को एकीकृत किया।

🇬🇧 नेपाल और ब्रिटिश भारत

  • नेपाल ने अंग्रेजों के साथ एंग्लो-नेपाल युद्ध (1814–1816) लड़ा।
  • हार के बाद सुगाैली संधि (1816) हुई, जिसमें नेपाल ने कुमाऊँ, गढ़वाल, सिक्किम जैसे क्षेत्र ब्रिटिशों को दिए।
  • लेकिन नेपाल पूरी तरह उपनिवेश नहीं बना।
  • इसके बाद गुरखा सैनिक ब्रिटिश सेना में भर्ती होने लगे, परंपरा आज भी जारी है।

👑 राणा शासन (1846–1951)

  • 1846 में राणा वंश ने सत्ता हथिया ली।
  • राजा बने रहे लेकिन असली ताकत राणाओं के पास थी।
  • राणा शासन निरंकुश और अलोकतांत्रिक था।

✊ लोकतांत्रिक आंदोलन और राजशाही (1951–1990)

  • 1950-51 में भारतीय समर्थन से आंदोलन हुआ।
  • 1951 में राणा शासन खत्म हुआ और लोकतंत्र की शुरुआत हुई।
  • लेकिन असली सत्ता फिर भी राजा महेंद्र और बाद में राजा बीरेन्द्र के पास रही।
  • 1990 में जन आंदोलन (People’s Movement) से बहुदलीय लोकतंत्र की बहाली हुई।

🔥 गृहयुद्ध (1996–2006)

  • 1996 में माओवादी विद्रोह शुरू हुआ।
  • 10 साल चले इस गृहयुद्ध में हज़ारों लोग मारे गए।
  • 2001 में शाही परिवार की बड़ी नरसंहार (Royal Massacre) हुआ – राजा बीरेन्द्र और उनका परिवार मारे गए।
  • उनके भाई ज्ञानेंद्र राजा बने।

🏛️ गणतंत्र की स्थापना (2006–2008)

  • 2006 में बड़े जन आंदोलन (People’s Movement II) से लोकतंत्र बहाल हुआ।
  • 2008 में राजशाही समाप्त कर नेपाल को गणराज्य घोषित किया गया।
  • रामबरन यादव पहले राष्ट्रपति बने।

📖 नया संविधान (2015)

  • 2015 में नेपाल ने नया संविधान अपनाया।
  • नेपाल को संघीय लोकतांत्रिक गणराज्य बनाया गया।
  • इसमें 7 प्रांतों की व्यवस्था हुई।

🌍 वर्तमान नेपाल (2025 तक)

  • नेपाल आज संघीय लोकतांत्रिक गणराज्य है।
  • राजधानी: काठमांडू
  • राष्ट्रपति: रामचंद्र पौडेल (2023 से)
  • प्रधानमंत्री: पुष्प कमल दहल ‘प्रचंड’ (2022 से)
  • अर्थव्यवस्था: कृषि, पर्यटन (खासकर हिमालय पर्वत, माउंट एवरेस्ट), और विदेशों से आने वाले रेमिटेंस पर निर्भर।
  • चुनौतियाँ: राजनीतिक अस्थिरता, भ्रष्टाचार, बेरोज़गारी और भूकंप जैसी प्राकृतिक आपदाएँ।

🔥 नेपाल में Gen Z आंदोलन क्यों?

1. ✊ राजनीतिक अस्थिरता और निराशा

2008 में राजशाही खत्म हुई, 2015 में नया संविधान आया, लेकिन राजनीति लगातार अस्थिर रही। भ्रष्टाचार और बार-बार सरकार बदलने से Gen Z निराश हुआ और विरोध करने लगा।

2. 👩‍🎓 बेरोज़गारी और शिक्षा की समस्या

नेपाल के लाखों युवा विदेशों (खाड़ी देश, मलेशिया, भारत) में काम करने जाते हैं। देश में रोज़गार और अवसरों की कमी के कारण वे हताश हैं।

3. 🌍 ग्लोबल सोशल मीडिया प्रभाव

Gen Z इंटरनेट और सोशल मीडिया से जुड़े हैं। उन्हें Black Lives Matter और Climate Strike जैसे उदाहरणों से प्रेरणा मिली। TikTok और Instagram ने उन्हें संगठित होने का नया ज़रिया दिया।

4. 🌱 सामाजिक मुद्दों पर जागरूकता

Gen Z खुलकर जेंडर इक्वालिटी, LGBTQ+ राइट्स, क्लाइमेट चेंज और मानसिक स्वास्थ्य जैसे विषयों पर आवाज उठा रही है।

5. 🏛️ सत्ता से दूरी और जवाबदेही की मांग

पुरानी पीढ़ी राजनीति में है, लेकिन युवा महसूस करते हैं कि उनकी आवाज़ अनसुनी है। इसलिए वे memes, hashtags, street art, protests जैसे नए तरीकों से ध्यान खींचते हैं।


✅ निष्कर्ष

नेपाल में Gen Z आंदोलन उस असंतोष का नतीजा है जहाँ राजनीतिक अस्थिरता, भ्रष्टाचार, बेरोज़गारी और अवसरों की कमी है। सोशल मीडिया की वैश्विक प्रेरणा और बदलाव की तीव्र इच्छा ने इन्हें एक नई क्रांति जैसी ऊर्जा दी है। सरल शब्दों में कहा जाए तो—नेपाल का Gen Z अपने भविष्य की लड़ाई लड़ रहा है।

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