कट्टर हिंदुत्व से कट्टर तालिबान तक संबंध !

देवबंद से तालिबान तक: वैचारिक समानता या राजनीतिक दूरी? 🕌 देवबंद से तालिबान तक: वैचारिक समानता या राजनीतिक दूरी? भारत–तालिबान संबंध : वक्त की ज़रूरत हाल ही में अफ़ग़ानिस्तान के कार्यवाहक विदेश मंत्री अमीर ख़ान मुत्ताक़ी की भारत यात्रा ने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर चर्चा बटोरी। यह यात्रा भारत–अफ़ग़ानिस्तान संबंधों को नए सिरे से देखने का अवसर प्रदान करती है। वर्षों तक दोनों के बीच संवाद सीमित रहा, पर अब भू–राजनीतिक परिस्थितियों ने दोनों को बातचीत की मेज़ पर लाकर खड़ा कर दिया है। सवाल यह भी है कि — क्या तालिबान की वैचारिक जड़ें देवबंद से जुड़ी हैं, और क्या भारत को ऐसे समूह से संबंध बढ़ाने चाहिए? आइए इसे क्रमवार समझते हैं 👇 🕋 1. देवबंद और तालिबान का वैचारिक संबंध 🔸 ऐतिहासिक आधार दारुल उलूम देवबंद की स्थापना 1866 में ब्रिटिश शासन के विरुद्ध धार्मिक और शैक्षणिक आंदोलन के रूप में हुई। इसका उद्देश्य था इस्लामी शिक्षा, नैतिकता और सामाजिक सुधार को पुनर्जीवित करना। 🔸 वैचारिक समानता, प्रत्यक्ष संबंध नहीं “तालिबान” शब्द का अर्थ है विद्यार्थी — उनके कई सदस...

आरपीएससी द्वारा आयोजित असिस्टेंट प्रोफेसर साक्षात्कार टिप्स

 सहायक आचार्य समाजशास्त्र के लिए आरपीएसएसी द्वारा लिए जाने वाले साक्षात्कार की तैयारी हेतु टिप्स 

आरपीएससी के साक्षात्कार के संबंध में परिचय


1. साक्षात्कार के दो भाग हैं

 A. अपीरेंस

 B. कंटेंट


अपीयरेंस में आपका इंटरव्यूअर से सामना होता है जिसमें आपका उनके प्रति और उनका आपके प्रति एक दृष्टिकोण बनता है।

यह एंट्री से कुर्सी पर बैठने तक का समय होता है।


B. कंटेंट में साक्षात्कार का मैटर होता है।

इसमें सवाल जवाब होते हैं।


ये करें/Do these:

1. कंफर्टेबल और सिंपल कपड़े पहनें।

2. एंट्री के लिए अनुमति मांगे, अमूमन जरूरत नहीं पड़ती वो खुद बुला लेते हैं।

3. बैठने के लिए अनुमति मांगे, ज्यादातर ऐसा होता है कि जरूरत नहीं पड़ती।

4. नमस्ते एक बार में करें बोर्ड के मुखिया की तरफ हाथ जोड़ते हुए बाकी सभी की तरफ देखते हुए, मुस्कुरास्ते हुए।

5. आप कंफर्ट हो कर बैठें।

१* आप साक्षात्कार देने जाते समय अखबार के अतिरिक्त कुछ नहीं पढ़ें। कोई नॉवेल या कहानी जरूर पढ़ें। 

 साक्षात्कार कोई सजा नहीं है। इसका आनंद उठाएं।

२* आप साक्षात्कार के समय अन्य से उसकी उपलब्धियों और योग्यताओं तथा लिखित के स्कोर की बातें नहीं करें। 

अगर आपका स्कोर बहुत बेहतर है तो आप किसी और को निरुत्साहित करने के लिए प्रचार नहीं करें। सहयोग करें अपने साथियों का। बड़प्पन दिखाएं।

३* आप किसी बात या विषय पर अपना ओपिनियन साक्षात्कार के अतिरिक्त बाहर किसी से नहीं प्रकट करें। न जिद करें और न उसके बारे में ज्यादा सोचें। 

४* नियमित प्राणायाम और योग अभ्यास करें। जाते समय हल्का खाना खाएं ,भूखे पेट भी नहीं जाएं।


५* मॉक इंटरव्यू  में भाग लें।

६* दो या तीन अध्याय अनुसंधान और कोर सोशियोलॉजी या जिस विषय से आप संबंधित हो उसका आधार या सैद्धांतिक भाग तैयार करें। 

७*  विषय की मूल भूत अवधारणाओं  को अच्छे से याद करें और मित्रों के साथ मॉक इंटरव्यू में बताएं। अकेले भी आप बिना देखे बोल कर अभ्यास कर सकते हैं।

practice makes perfect

जैसे जैसे इंटरव्यू आगे बढ़ेगा आपका आत्मविश्वास बढ़ेगा।





ये नहीं करें / Avoid these ;

1. टाइट और चमक दमक वाले कपड़े नहीं पहनें।

2. जूलरी नहीं पहनें।

3. मेक अप नहीं करें ।

4. झूठ नहीं बोलें और तुक्का बिलकुल नहीं लगाएं


साक्षात्कार में चार तरह के सवाल पूछते हैं।

१* व्यक्तिगत

२* तथ्यात्मक

३* विश्लेषणात्मक

४* संश्लेषणातमक


ध्यान रखिए :

१* साक्षात्कार व्यक्तित्व और अभिव्यक्ति परीक्षण है न कि बौद्धिक परीक्षण।

२* साक्षात्कार में आपकी नैतिकता जैसे ईमानदारी, धैर्य, स्पष्टता, सहन शक्ति, दृष्टिकोण इत्यादि गुणों की परख है न कि ज्ञान की। ज्ञान की परख परीक्षा में हो चुकी।

३* स्वाभाविक रहिए , बनावटी आभा मंडल दो मिनट से ज्यादा नहीं टिक पाएगा।

४* आप जैसे हो वैसे ही सबसे बेहतर और स्पेशल हो ,किसी की नकल नहीं करनी।

५* आप वैसे ही वस्त्र पहने जैसे आप अक्सर समारोह अथवा किसी कार्यालय में पहन कर जाते हो। पहली बार टाई ,पहली बार कोट पेंट ,पहली बार साड़ी इत्यादि पहली बार वाला कुछ नहीं करना ही बढ़िया है।

६* आप जिस प्रोफेशन के लिए साक्षात्कार देने जा रहे हो उसमे सौम्यता और सादगी चाहिए इसलिए be simble

७* आप ज्यादा विनम्रता ,ज्यादा कठोरता, ज्यादा जिद नहीं दिखावें।

८* आपको जानकारी नहीं होने पर आप स्पष्ट रूप से विनम्रता पूर्वक मना करें ,स्किप करना गलत जवाब नही है और नेगेटिव नहीं होता। लेकिन गलत और झूठ बोलना ,तुक्का लगाना नेगेटिव है।

९* आप साक्षात्कारकर्ताओं की बात अच्छे से सुनें। अच्छे श्रोता हो यह भी परखा जाता है। अच्छा सुनने वाला ही अच्छा शिक्षक होता है। अच्छा श्रोता ही अच्छी समझ रखता है।

१०* आप प्रश्नकर्ता के प्रश्न का जवाब अच्छे से सुनने के बाद कुछ सेकंड रुकें सोचें और फिर जवाब दें। 

Back to Back जवाब देना सही नहीं हैं ।

११* आप प्रश्नकर्ता की आंखों में आंखे मिला कर जवाब दें। नहीं आता है तब भी आप आंखें मिला कर विनम्रता पूर्वक  मना करें।

१२* जवाब इस तरह दें कि आप एक थोड़े से लंबे जवाब में बोर्ड के सभी सदस्यों की तरफ देखते हुए उत्तर दिया जा सके।

१३*. आप जबरन नहीं मुस्कुराएं, हो सके तो नमस्कार करते समय जरूर हल्का मुस्कुराएं। आपका आत्मविश्वास जैसे जैसे बढ़ेगा आप स्वत: मुस्कुराएंगें।


१४* आपका एक तुक्का अथवा एक झूठ अथवा एक गलत जवाब आत्म विश्वास तोड़ सकता है इसलिए जवाब नहीं आने पर स्पष्ट मना करें।


१५* आप पैर पर पैर रख कर नहीं बैठें। हाथों को क्रॉस कर के अथवा टेबल पर आपस में उंगलियां फंसा कर नहीं बैठें।

१६* आपको बोर्ड पर पढ़ानें के लिए कहा जा सकता है इसलिए झिझकें नहीं, आराम से उठें और सबसे आसान टॉपिक बोर्ड पर लिखें और साक्षात्कार बोर्ड को विद्यार्थी समझते हुए टॉपिक के बारे में दो चार पंक्तियां अच्छी आवाज में बोलें , उस समय बोर्ड के मध्य में नहीं खड़े हों बल्कि एक साइड खड़े हो कर बोले।


सवाल : साक्षात्कार में घबराहट को नियंत्रित कैसे करें?

उत्तर : यह स्वाभाविक है सभी को होती है। दरअसल साक्षात्कार का सामना करने से घबराहट की छः या अधिक वजह हो सकती हैं।

 १* गलत न हो जाए ,यह आशंका होना। 

 यह आशंका निराधार है , आप जिसमें कॉन्फिडेंट हों वो ही जवाब दें। आपको उत्तर नहीं आना आपके चयन को रोकने की वजह नहीं है।

२* साक्षात्कार में मेरा प्रभाव कमतर न रह जाए , यह आशंका।

 यह हीन भावना है जो स्वाभाविक है लेकिन आप किसी से तुलना मत कीजिए क्योंकि आपका चयन योग्यता से होगा।

३* मुझसे बेहतर कोई और हुआ तो , मैं कैसे अन्य से बेहतर रहूं।

ध्यान रखिए आप बेहतर थे तभी तो साक्षात्कार के लिए आमंत्रित किए गए हैं।

४* ईमानदारी तो रहेगी न!

बिलकुल , आपको कोई विफल करने के लिए साक्षात्कार नहीं किया जाता बल्कि योग्यता का चयन करने के लिए किया जाता है।

५* न जानें कैसे होंगे बोर्ड में जो मेरी गलतियां ढूंढने बैठे होंगे।

गलतियां ढूंढने के लिए नहीं ,आपकी काबिलियत देखने और परखने के लिए साक्षात्कार आयोजित किया जाता है।

६* मैं अपनी बात अच्छे से रख पाऊंगा या नहीं।

बिलकुल ,आप अभ्यास कीजिए। गलत और तुक्के वाले उत्तर सोचना ही मत।

७* अपने सामने साधारण लोग हैं जहां आप भी जा सकते हो।

८* आपको यह अच्छे से दिमाग में बैठना है कि ज्यादा से ज्यादा उत्तर नहीं आएगा और क्या होगा इससे ज्यादा! तब आप स्पष्ट मना करने के लिए स्वतंत्र हैं । उसका कोई नकारात्मक असर नहीं होता।

९* यह अच्छे से समझ लें, इस दुनियां में सर्वज्ञाता कोई नहीं है। किसी का व्यक्तित्व सम्पूर्ण नहीं होता। यह सत्य है। इसको जितना जल्दी समझ जाओगे उतना आप सबके बराबर समझेंगे। अगर आप पहले से ही सुपीरियर  मानसिकता रखते हो तो कहना ही क्या!

१०* आप बस आप ही रहें साक्षात्कारकर्ता आप से ही मिलना चाहते हैं। किसी और की तुलना वाले से नहीं।


नोट : आरपीएससी साक्षात्कार 15 से 18 मिनट का लेती है। टाइम महत्वपूर्ण नहीं है बल्कि गुणवत्ता महत्वपूर्ण है। 


सवाल :जब आपने स्नातक में अलग विषय लिया और पोस्ट ग्रेजुएशन में अलग तब  साक्षात्कार में संभावित सवाल क्या होंगे?

उत्तर :

ऐसी स्थिति में संभावित सवाल और जवाब

१* आपने विषय क्यों बदला?

२* आपके वर्तमान में अध्ययन में कैसे उपयोगी होगा?

३* वर्तमान पद में इसकी क्या उपयोगिता है?

 विषय बदलने का कोई प्रभाव नहीं पड़ता। मैने खुद ने स्नातक जीव विज्ञान से किया और परा स्नातक समाजशास्त्र से।

१* पहले सवाल का जवाब यह हो सकता है 👇

👉 स्नातक स्तर पर मेरे महाविद्यालय में यह विषय नहीं था।

👉 मेरी अच्छे से पकड़ नहीं थी और रुचि का नहीं था।

👉 मुझे इच्छित विषय नहीं मिल सका।

👉मुझे जानकारी नहीं थी और मुझे स्नातक करना था।

👉 मित्र या किसी की सलाह पर।

👉 अन्य कोई वास्तविक कारण।

२* दूसरे सवाल में

👉 अगर विज्ञान था तब विज्ञान समाज के अध्ययन में अधिक उपयोगी।

👉 वैज्ञानिक दृष्टिकोण का विकास

👉 कॉमर्स और अर्थशास्त्र रहा हो तो सामाजिक व्यवहार का आर्थिक और गणितीय पक्ष।

👉 भूगोल समाज को प्रभावित करता है।

👉 विषय के व्यावहारिक उपयोगी पक्ष से संबंध स्पष्ट करना है।

३* वर्तमान पद शिक्षण के साथ ही अनुसंधान करने और करवाने में उपयोगी होगा।

👉 मल्टी डिसिप्लिनरी अप्रोच का विकास।

👉 व्यवहारिक उपयोगिता।


आप इसे बेहतर जवाब दे सकते हो। आप कोशिश कीजिए और ढूंढिए जो वास्तविक जवाब हो।

याद रखें आदर्शवादी और अव्यहारिक जवाब नही देवें।

जवाब सरल और वास्तविक हो


सवाल : रिसर्च से संबंधित जानकारी देने पर क्या सवाल होंगे? क्या जानकारी देनी चाहिए? 


उत्तर : आपने रिसर्च कर लिया है या कर रहे हो तो साक्षात्कार को केंद्रित करने का यह बहुत अच्छा अवसर है। आपके लिए ज्यादा संभावना है कि सवाल रिसर्च क्षेत्र से ज्यादा पूछे जाएंगे।

रिसर्च कार्य को उच्च शिक्षा में तवज्जो मिलती है इसलिए यह आपके लिए सकारात्मक है। स्वाभाविक रूप से आप बिना पीएचडी वाले से आगे हो। कुछ प्रतिशत अंक आपकी शैक्षणिक योग्यता के निर्धारित होते हैं।  आपके अकादमिक अंक भार अच्छा होने पर आपको अधिक अंक मिलते हैं। शेष साक्षात्कार पर निर्भरता कम हो जाती है। 

आपके लेखन कौशल  प्रदर्शन हो चाहिए। अगर अपने कुछ अखबार या पत्रिका में आलेख लिखें है अथवा आपने कोई पुस्तक प्रकाशित करवाई है तब आपके लिए सोने पर सुहागा वाली बात है। 

आपको यह नहीं सोचना चाहिए कि लेखन, पीएचडी इत्यादि से सब कुछ सही है। आपको व्यक्तित्व परीक्षण में अभिव्यक्ति और उच्च शिक्षा के शिक्षक के गुण प्रदर्शित कर होंगे। 

अगर आप पीएचडी नहीं हैं तब आप अपने अभिव्यक्ति कौशल और व्यक्तित्व प्रदर्शन पर निर्भर रहिए।




सवाल: व्यक्तिगत जीवन  से क्या सवाल हो सकते हैं?

ऐसे सवाल बहुत से हैं लेकिन आपके व्यक्तिगत एकेडमिक इतिहास से संबंधित सवाल ही मुख्यत होते हैं।

आरपीएससी में साक्षात्कार का प्रारंभ व्यक्तिगत जानकारी से होता है।

इसमें बोर्ड को उम्मीदवार को फैमिलियर बनाने में मदद मिलती है। आप भी इसका लाभ उठाएं।

 बोर्ड यह उम्मीद करता है कि आप अपने बारे में तो जानते ही होंगे। जाहिर है आप सीधा, सरल और वास्तविक जवाब देंगे। आप उनसे जुड़ पाएंगे।

लेकिन तनाव की स्थिति और पूर्वाग्रह से युक्त उम्मीदवार अगर यहीं से चूक करता है तब हसी का पात्र भी बन सकता है।

एक और महत्वपूर्ण तथ्य है आरपीएससी के साक्षात्कार के संबंध में कि प्रारंभ के सवाल सहमति, असहमति से शुरू होते हैं फिर लघु प्रश्न और उत्तर और फिर एक दो पंक्तियों के जवाब पूछे जाएंगे। इसके बाद विषय के सवालों पर आयेंगे।


सवाल : क्या यह साक्षात्कार प्रशासनिक पदों के लिए साक्षात्कार से भिन्न है? इसकी प्रकृति क्या है?

उत्तर : आरएएस और असिस्टेंट प्रोफेसर के लिए आयोजित साक्षात्कार में बहुत अंतर होता है। इसलिए साक्षात्कार की तैयारी और सामना करने से पूर्व इसकी प्रकृति समझ लेनी चाहिए।

१* इसमें विषय की गहनता से संबंधित सवाल पूछे जाते हैं। जबकि प्रशासनिक पदों के लिए सामान्य ज्ञान और समझ को परखने के लिए प्रश्न पूछे जाते हैं।

२* इसमें व्यक्तित्व के बजाए ज्ञानात्मक सवाल ज्यादा होते हैं। जबकि उसमें पर्सनेलिटी पर ज्यादा फोकस किया जाता है।

३* इसमें वर्णनात्मक सवाल होते हैं ज्यादा जबकि उसमें तथ्यतमक और शॉर्ट सवाल होते हैं।

४* इसमें विस्तृत ज्ञान परखा जाता है उसमें निर्णय क्षमता।

५* इसमें साक्षात्कार कर्ता विषय विशेषज्ञ होते हैं जबकि उसमें प्रशासनिक अधिकारी और पीएससी सदस्य की भूमिका होती है।

६* इसमें विषय की समझ और अभिव्यक्ति कौशल देखा जाता है जबकि उसमें त्वरित निर्णय और नेतृत्व क्षमता परखी जाती है।


७* इसका दायरा सीमित जबकि उसका दायरा अधिक विस्तृत होता है।


इत्यादि।


ध्यान दीजिए :

१* सहज रहें आप बेस्ट हो।

२* आप से जटिल प्रश्न नहीं पूछेंगे ,अगर आपको लगे तो जवाब के लिए आप बाध्य नहीं हो। मना करना आपके लिए घाटे का सौदा नहीं है।

३* आपको लगे कि सवाल बहुत इंटरेस्टिंग है तो आप कहिए " सर इंटरेस्टिंग सवाल पूछा आपने" ऐसा बोलने से आप कनेक्ट होंगे।

४* हाथों को आप हिलाइए बांध कर नही रखना ।

५* जब आपको बहुत अच्छे से सवाल का जवाब आ रहा हो तब आप आगे की तरफ टेबल पर दोनो हाथ रखिए और आंखों में आंखे डाल कर आत्मविश्वास से जवाब दीजिए।

६* किसी विषय पर आप सही हो और   सदस्य उसको गलत बताएं तब आप जिद नही करें लेकिन " सर जहां तक मुझ जानकारी है मुझे इसका उत्तर यह लगता है लेकिन ...... आपको निश्चय ही मुझसे ज्यादा जानकारी है इसलिए हो सकता है आप सही होंगे।"

७* जब आपको कोई उत्तर नही आता तब आप सदस्य से उसका उत्तर पूछने की कोशिश नहीं करें ,वो खुद बताए तो अच्छी बात है अन्यथा जितना जल्दी उस टॉपिक से आगे निकलना हो वो अच्छा।

८* आप का जब बहुत अच्छा साक्षात्कार चल रहा हो तब आप सवाल पूछने पर तत्काल जवाब नही दें बल्कि एक दो सेकंड रुकें और विस्तार से जवाब दें। 

९* आप कुछ इंटरेस्टिंग शब्द बार बार नहीं बोलें बल्कि एक आध बार प्रयोग में लें जैसे , , बहुत अच्छा सवाल सर, बिलकुल सर मैं पहले इस सवाल का जवाब दे देना चाहूंगा फिर उस सवाल पर आऊंगा आपकी अनुमति हो तो, सर मुझे जानकारी में नही है लेकिन थोड़ा बहुत जानकारी है आप को इजाजत हो तो बताना चाहूंगा।


आरपीएससी द्वारा आयोजित सहायक आचार्य के लिए साक्षात्कार के संबंध में शामिल होने वाले अभ्यर्थियों को साक्षात्कार बोर्ड और साक्षात्कार के संबंध में कुछ भ्रांतियां हो सकती हैं। जिन को दूर कर लेना चाहिए।

जैसे :क्या साक्षात्कार के दौरान व्यक्तिगत समस्याओं को बताना चाहिए!


कुछ ऐसी समस्याएं इसी सवाल के जवाब के सामने आती हैं जिनका जवाब देते समय हम जज्बाती व व्यक्तिगत हो जाते हैं। जो कि सही नहीं है। यद्यपि हमें वास्तविक कारण बताने चाहिए,लेकिन शब्दावली का चयन इस प्रकार से किया जाए कि वह समस्या या वह कारण जो सदस्यों को भावनात्मक रूप से प्रवर्तित करने जैसा प्रतीत ना हो।

 इसके अतिरिक्त वह समस्या व्यक्तिगत नहीं हो।क्योंकि आपको एक एकेडमीसियन के रूप में देखा जा रहा है, तब आप एक वैज्ञानिक दृष्टिकोण के साथ में एक शुद्ध चिंतन सील व्यक्ति के रूप में और भावी सहायक आचार्य के रूप में अपने आपको प्रस्तुत करना है। इसलिए व्यक्तिगत समस्या को व्यक्तिगत तरीके से नहीं रखें। कुछ उदाहरण मैं आपके सामने रख रहा हूं;

1. आपने स्नातक में 1 वर्ष का गैप क्यों था? 

इसके उत्तर में हो सकता है कि घर में कोई समस्या हो गई हो या कोई दुर्घटना हो गई हो अथवा आप बीमार हो गए होंगे या फिर अमूमन यह होता है कि महिलाओं की पढ़ाई छुड़वा दी जाती है। 

इसका जवाब बहुत ही सरल शब्दों में देना है। जैसे आपने कक्षा 12 के बाद में विषय बदले और विषय बदलने के लिए परिवार द्वारा दबाव डाला गया हो तो ऐसी स्थिति में आपको यह जवाब नहीं देना है कि मेरे परिवार ने अनुमति नहीं दी। यह व्यक्तिगत हो जाता है। लेकिन इसकी शब्दावली बदलकर आपको जवाब देना चाहिए।


आपको बताना चाहिए कि पारिवारिक कारणों से और मेरे व्यक्तिगत कारणों से मैंने विषय बदला है। यदि सम्मानित बोर्ड का इंटरेस्ट होगा तो वे आगे सवाल करेंगे। इसी प्रकार से 1 वर्ष का कोई गैप लग जाए और जिसमें कोई दुर्घटना हो जाए तब भी आपको उसका जवाब तत्काल वास्तविक रूप में नही दे कर सामान्य रूप से दें। जैसे "श्रीमान जी मेरा 1 वर्ष का गेप मेरे पारिवारिक और व्यक्तिगत कारणों से हुआ है"। यदि बोर्ड का इंटरेस्ट हुआ तो आपसे पूछेंगे तब आप बता पाएंगे कि कोई दुर्घटना हुई अथवा आप बीमार हो गए । इसलिए इसका सीधा ही जवाब नहीं देना चाहिए बल्कि अपने अंतरतम में एक दरवाजा रखिए जिसमें साक्षात्कार कर्ता को भी अनुमति से घुसना पड़े। यह बहुत अच्छा प्रभाव छोड़ेगा।


दूसरी भांति  क्या आप जॉब में पहले से हैं, उसका प्रभाव पड़ता है?


वास्तविकता : बिल्कुल भी नहीं पड़ता आप पहले से जॉब में हैं अथवा आप नहीं हैं। इस से सम्मानित बोर्ड को कोई लेना देना नहीं है। बोर्ड केवल प्रतिभा का चयन करता है न कि गरीबी दूर करता है। सहानुभूति दिखाकर या भावनाओं के आधार पर चयन  नहीं करता। इसलिए यह भ्रांति बिल्कुल भी नहीं रखें।


कुछ महत्वपूर्ण सवाल:


१* आपका नाम

२* स्नातक कहां से

३* पोस्ट ग्रेजुएट 

४* यही अध्ययन में गैप है तो क्यों?

५* स्ट्रीम चेंज की है तो क्यों? और इससे लाभ या हानि?

६* आप अपने बारे में बताइए!

७* यदि महिला हो तो आपने कैसे मैनेज किया

इत्यादि


८* आप यह पोस्ट क्यों चाहते हो? या आपका चयन क्यों किया जाए?

९* आप रिसर्च किस फील्ड में कर रहे हो?

१०* आपने तैयारी के लिए कौन कौन सी पुस्तकें पढ़ी उनके लेखक?

११* आपने पोस्ट ग्रेजुएट में समाज शास्त्र या आपके विषय  में कितने पेपर दिए एग्जाम में ,उनके नाम बताइए?

इत्यादि।

कुछ अन्य संभावित सवाल जवाब:

१* आप अपने बारे में बताइए अथवा अपना परिचय दें!


इस सवाल के जवाब में आपको सधे शब्दों में अपना परिचय देना है। जिसकी शुरुआत आप अपने नाम, स्थान और वर्तमान पद, कार्य की स्थिति और कार्य के संक्षिप्त विवरण के साथ-साथ आपके व्यक्तित्व के सबल पक्ष और आपके ड्रीम्स के बारे में संक्षिप्त में बता सकते हैं। ध्यान रखिए अपने ड्रीम्स को वर्तमान पद से यदि जोड़ते हैं तो बहुत अच्छा रहेगा।


२* हम आप को ही क्यों चुनें?


इस सवाल के जवाब में आप अपने पूर्व कार्यों का विवरण दे सकते हैं और आप अपने सबसे मजबूत पक्ष को रखें । आपके भावी सपने  को संक्षिप्त में बता सकते हैं जिसका संबंध वर्तमान साक्षात्कार दिए जाने वाले पद से हो। जैसे 

 मैंने पूर्व में जो कार्य किया है इसमें मैंने अमुक अवार्ड अर्जित किया है। मेरे अनुभव और मेरी योग्यता से अनेक छात्र छात्राओं को लाभ होगा जो इनक्रेडिबल है।  इसके अतिरिक्त मेरा सपना है इस पद पर में विषय में एकेडमीसियन के रूप में रिसर्च और शिक्षण में पूर्व की भांति योगदान दूंगा। मैं इस पद पर चयन के लिए सबसे योग्य इसलिए भी हूं क्योंकि मैं ऊर्जावान और क्रिएटिव लेखक, विचारक और सकारात्मक सोच रखता हूं। मैं इस क्षेत्र में सबसे अलग कर पाऊंगा।

आपको कोई और बेहतर जवाब सूझ रहा हो तो वो भी दें सकते हो।

सामान्य सवाल :

१* आपका नाम "एबीसी" है?

उत्तर: जी श्रीमान

२* आपने 12 वीं  विज्ञान विषय से की है?

३* आपने स्नातक कला विषय से की है?

४* स्नातक और स्नातकोत्तर के बीच गैप है? 

५* आपकी स्कूल/ कॉलेज का नाम?

६* आपने विषय क्यों बदला?

७* अपने बारे में बताइए!

८* आप अच्छे जॉब में हो पैसे भी हैं, फिर आप कॉलेज शिक्षक क्यों बनना चाहते हो?

९* आपके पति का जॉब है? तो आप दोनो जगह घर और कॉलेज का जॉब कैसे संभालेंगी?

१०* आपका चयन क्यों किया जाए?

११* आपने तैयारी के लिए कौन कौन सी पुस्तकें पढ़ी हैं? 

१२* समाजशास्त्र में स्नातकोत्तर स्तर पर पार्ट प्रथम और अंतिम वर्ष में अलग अलग पढ़ाए जाने वाले विषय?

१३* विश्विद्यालय में डिपार्टमेंट में शिक्षकों के पद जो निम्न से उच्च स्तर की और हों बताइए?

१४* राजस्थान विश्विद्यालय/ आप जिस विश्विद्यालय से पढ़ें होंगे उस विश्विद्यालय के कुलपति का नाम?

इत्यादि!

समाजशास्त्र के साक्षात्कार की दृष्टि से महत्वपूर्ण प्रश्न :

1 * एडवांस सोशियोलॉजी थियोरीज बताएं।

2* रिस्क सोसायटी

3. सेक्रेड कॉम्प्लेक्स

4* दीपांकर दास का योगदान

5* स्थानीयकरण 

6* वैश्वीकरण का प्रभाव

7* किसान आंदोलन

8* पहचान का संकट

9* माध्य, बहुलक, माध्यिका

10* नव उदारवादी

11* भूमिका कॉम्प्लेक्स, प्रस्थिति कॉम्प्लेक्स, भूमिका तनाव, भूमिका संघर्ष

12* संचार क्रांति के प्रभाव

13* सम्मान और प्रतिष्ठा ?

14* महिला सशक्तिकरण

15* मेडिकल सोशियोलॉजी

16* भारत का आधुनिक समाजशास्त्री

17* भारत का मार्क्स वादी

18* नगरीय समाजशास्त्र

19* सीमांत समाज और व्यक्तियों की समस्याएं?

20* सोशियोमेट्री

21* उत्तर आधुनिकता का प्रारंभ किस घटना से?

22* एथनोमेथोडोलॉजी ?

23* भारत में गांवों पर अध्ययन किस किसने किया? कोई तीन शोध या पुस्तकें?

24* भारत में सामाजिक परिवर्तन की प्रघटनाएं अथवा समाजशास्त्रीय सिद्धांत? अथवा कारण!

25* बाल अपराध के कारण?

26* समाजशास्त्र विज्ञान कैसे है?

27* भारतीय समाजशास्त्र का पिता? प्रथम विश्व विद्यालय?

28* संयुक्त परिवार के विघटन के कारण? संकट काल का बीमा क्यों?

29* जब एक ही समूह पर किसी चर के प्रभाव का अध्ययन किया जाए तब यह किस प्रकार का परीक्षण कहा जाएगा?

30* फिनोमिनोलॉजी

31* संघर्षवादी सिद्धांत

32* भारत में दलित अध्ययन करने वाले समाजशास्त्री?

33* भारत में पिछड़े वर्ग के उत्थान के लिए संवैधानिक प्रावधान?

34* दिव्यांगो की समस्याएं?

35* "स्त्री समाज की उपज है।" कैसे?


36* संस्कृति के तत्व, पक्ष, प्रकार!

37* सभ्यता और संस्कृति में अंतर?

38* लुम्पन वर्ग?

39* आत्म हत्या के प्रकार, वेबर का श्रम विभाजन!

40* समाजशास्त्र के पश्चिम में ही उदय के कारण?

41* केलविनवाद? 

42* आपने अनुसंधान का अमुक टॉपिक क्यों चुना?

43* इस अनुसंधान का क्या लाभ है?

44* क्या विधि और प्रणाली काम में ली?

45* आपके अनुसंधान से संबंधित पूर्व अनुसंधान और अनुसंधानकर्ता?

46* इसमें कौनसा सिद्धांत?

47* अनुसंधान, वैज्ञानिक विधि, स्रोत, प्राकल्पना?

48* अनुसंधान केंद्र, क्षेत्र, संस्थान?

49* सेक्युलरिज्म?

50* पश्चिमीकरण

51* covid के शिक्षा, महिलाओं पर प्रभाव?

52* उत्तर आधुनिकता

53* वैश्वीकरण और भूमंडलीकरण में अंतर!

54* वह अनुसंधान जो अखबार की खबरों के आधार पर किया जाता है?

55* पैटर्न वेरिएबल?

56* पेटी वर्ग?

57* विलासिता वर्ग का सिद्धांत?

58* मार्क्स, दुर्खीम, वेबर का जन्म, जन्म स्थान, मृत्यु और 4-4 पुस्तकें?

59* सामाजीकरण और सामाजिक नियंत्रण में संबंध?

60* सामाजिक परिवर्तन का सिद्धांत जिसमे आदर्शात्मक और इंद्रियपरक संस्कृति की अवधारणा दी?

61* भूमिका संकुल और प्रस्थित संकुल में अंतर?

62* role taking और role play में अंतर?

63* असमाजीकरण, वि समाजिकरण, पूर्व समाजीकरण?

64* सामाजिक मूल्य? संवैधानिक मूल्य?

65* विशुद्ध और व्यवहारिक शोध में क्या अंतर है?

66* अनुसंधान विधि के चरण?

67* भारत में मार्क्सवादी समाजशास्त्री?

68* अपराध का लेबलिंग सिद्धांत, आनुवांशिक सिद्धांत? श्वेत वस्त्र अपराधी?

69* उत्तर आधुनिकता

70* सभ्यताओं का संघर्ष

71* रिस्क सोसायटी

72* ऐतिहासिक भौतिकवाद

73* विवाह विच्छेदन के कारण।

74* हिंदू विवाह एक धार्मिक संस्कार कैसे है?

75* 16 संस्कार

76* दुर्खिम ने किस प्रकार के स्रोतों से अध्ययन कर धर्म का सिद्धांत दिया?

77* वेबर ने कितन धर्मों का अध्ययन किया?

78* उद्विकास और विकास तथा प्रगति में अंतर

79* संगठन, संरचना और व्यवस्था में अंतर

80* भूमिका संघर्ष और भूमिका तनाव में अंतर

81* अपराध और औद्योगिकरण में संबंध

82* बोरस्टल स्कूल क्या है?

83* विलियम ओकम का उस्तरा किसको कहा गया है?

84* आधुनिक भारतीय समाजशास्त्री ?

85* रणावतों की सादड़ी  में अध्ययन किसने किया?

86* एक परिवार के विकास क्रम के अध्ययन के लिए आप किस प्रकार के शोध को प्राथमिकता देंगे?

87* मर्टन के अनुसार अनुकूलन की कितनी स्थितियां होती हैं?

88* आत्म हत्या के प्रकार

89* समाजशास्त्र का पिता ?

90* समाजशास्त्र सबसे आधुनिक विज्ञान क्यों है?

91* समाजशास्त्र विज्ञान या कला?

92* आपकी विद्यालय और महाविद्यालय में क्या अंतर था?

93* प्राकल्पना के स्रोत

94* रिसर्च डिजाइन और इसके प्रकार


95* समाजशास्त्रीय परिपेक्ष्य


96* समाजशास्त्र विज्ञान या कला?


97* बाल अपराधियों को सुधार के लिए क्या क्या प्रयास?


98* समाजिक समस्याएं क्या हैं?


99* आधुनिक समाजशास्त्री?


100* राजस्थान के समाजशास्त्री?


101* case study?


Click करें और पढ़ें 👇👇👇


टिप्पणियाँ

एक टिप्पणी भेजें

इस ब्लॉग से लोकप्रिय पोस्ट

अगर आपका बच्चा Arts Stream में है तो Sociology जरूर पढ़ाएँ

स्कूल व्याख्याता, असिस्टेंट प्रोफेसर और नेट जेआरएफ, AHDP या LSA के लिए महत्वपूर्ण पुस्तक सूची

जीवन में सफलता के लिए 8 बेस्ट टिप्स