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कट्टर हिंदुत्व से कट्टर तालिबान तक संबंध !

देवबंद से तालिबान तक: वैचारिक समानता या राजनीतिक दूरी? 🕌 देवबंद से तालिबान तक: वैचारिक समानता या राजनीतिक दूरी? भारत–तालिबान संबंध : वक्त की ज़रूरत हाल ही में अफ़ग़ानिस्तान के कार्यवाहक विदेश मंत्री अमीर ख़ान मुत्ताक़ी की भारत यात्रा ने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर चर्चा बटोरी। यह यात्रा भारत–अफ़ग़ानिस्तान संबंधों को नए सिरे से देखने का अवसर प्रदान करती है। वर्षों तक दोनों के बीच संवाद सीमित रहा, पर अब भू–राजनीतिक परिस्थितियों ने दोनों को बातचीत की मेज़ पर लाकर खड़ा कर दिया है। सवाल यह भी है कि — क्या तालिबान की वैचारिक जड़ें देवबंद से जुड़ी हैं, और क्या भारत को ऐसे समूह से संबंध बढ़ाने चाहिए? आइए इसे क्रमवार समझते हैं 👇 🕋 1. देवबंद और तालिबान का वैचारिक संबंध 🔸 ऐतिहासिक आधार दारुल उलूम देवबंद की स्थापना 1866 में ब्रिटिश शासन के विरुद्ध धार्मिक और शैक्षणिक आंदोलन के रूप में हुई। इसका उद्देश्य था इस्लामी शिक्षा, नैतिकता और सामाजिक सुधार को पुनर्जीवित करना। 🔸 वैचारिक समानता, प्रत्यक्ष संबंध नहीं “तालिबान” शब्द का अर्थ है विद्यार्थी — उनके कई सदस...

सावित्री बाई फुले (1831-1897)

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 सावित्री बाई फुले (1831-1897) जीवन इतिहास और दर्शन तथा सामाजिक कार्य: एक असंभव को संभव कर दिखाने वाली क्रांतिज्योति: .               Photo credit : facebook  एक अग्रणी भारतीय समाज सुधारक, शिक्षाविद् और कवि थीं, जिन्हें व्यापक रूप से भारत की पहली महिला शिक्षिका माना जाता है। उनका जीवन और कार्य 19वीं सदी के भारत में महिलाओं, दलितों और अन्य हाशिए के समुदायों के उत्थान के लिए समर्पित था। उस समय को महिलाओं के लिए घोर अंधकार का युग कहा जा सकता है जब वो पढ़ने जाती तो लोग कीचड़, पत्थर फेंकते। असंभव था तब वो संभव किया। .              Photo credit : facebook   विधवा और बलात्कार पीड़ित प्रायः आत्महत्या करती थी तब उन्होंने उनको सुरक्षा और उनके बच्चों को पालने के लिए घर खोला। यह बहुत बड़ा आश्चर्य था। आज सामान्य लगती हैं लेकिन उस समय ऐसा करना और वो भी किसी महिला द्वारा ,यह कोई सपने में भी नहीं सोच सकते थे ,वो किया उन्होंने। जीवन इतिहास: जन्म और प्रारंभिक जीवन:  सावि...